हाईकोर्ट के आदेश पर वनरक्षक को नहीं किया बहाल
बिलासपुर। वन मण्डल कटघोरा में पदस्थ वन रक्षक को हाईकोर्ट के आदेश पर भी निलंबन से बहाली नहीं किए जाने के खिलाफ प्रस्तुत अवमानना याचिका पर आज हाईकोर्ट ने कटघोरा वनमण्डलाधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। जानकारी के अनुसार नेपाल सिंह अयाम वन विभाग जडगा वन मण्डल कटघोरा में वन रक्षक के पद पर पदस्थ था। सुनील कुमार अवस्थी ने शिकायत की थी की नेपाल सिंह अयाम ने कोयला तस्करी में कुछ लोगों की मदद की है। शिकायत पर बांगो थाना कोरबा में एफआईआर दर्ज हुई। नेपाल सिंह अयाम को गिरफ्तार कर लिया गया। फलस्वरूप पीड़ित को विभाग द्वारा निलबंदित कर दिया गया। विभागीय जांच में पीड़ित ने अपना जवाब प्रस्तुत करते समय अपने निलंबन आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया। वनमंडल कटघोरा द्वारा इस मामले पर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर से दिशानिर्देश मांगा गया। परंतु किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। जिस पर पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा की सप्र्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा है कि विशेष रूप से आरोपों के निर्धारण की अवधि में, अस्थाई होता है।
और इसकी अवधि भी कम होना चाहिए। निलंबन की अवधि तीन माह से अधिक नहीं होना चाहिए। इस तरह हाईकोर्ट ने वनमण्डलाधिकारी कटघोरा को 45 दिनों के भीतर पीड़ित के मामले पर विचार करने एवं निर्णय लेने के लिए निर्देशित किया। परन्तु समयसीमा समाप्त होने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लेने के खिलाफ पीड़ित ने अधिवक्ता जीतेन्द्र पाली के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की जिस पर हाईकोर्ट ने एस.जगदीशन वनमण्डलाधिकारी कटघोरा को कारण बताओ नोटिस जारी कर पुछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएं।